लोकवनस्पति विज्ञान की मानव कल्याण में भूमिका विषय पर हुआ राष्ट्रीय वेबिनार

उदयपुर 9 दिसंबर. राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय, उदयपुर के वनस्पति शास्त्र विभाग द्वारा बुधवार को ‘मानव कल्याण में लोकवनस्पति विज्ञान की भूमिका ‘ विषय पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया. वेबिनार का प्रारम्भ महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. शशि सांचीहर के अध्यक्षीय उद्बोधन से हुआ. उन्होंने कहा की पौधों की मानव जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका है और विशेषतया विभिन्न रोगों की रोकथाम में सदियों से पौधों का उपयोग होता रहा है. इस सन्दर्भ में वर्तमान समय में लोकवनस्पति विज्ञान विषय पर वेबिनार आयोजित करना वनस्पति शास्त्र विभाग की अच्छी पहल है. तत्पश्चात वनस्पति शास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सविता चाहर द्वारा सभी प्रतिभागियों और वक्ताओं का स्वागत किया गया.आयोजन सचिव डॉ. वर्तिका जैन ने बताया की वेबिनार में भारत के विभिन्न राज्यों के साथ ही अन्य पडोसी देशों से भी 200 प्रतिभागियों ने भाग लिया. वेबिनार के प्रथम वक्ता जम्मू विश्वविद्यालय से प्रो. यशपाल शर्मा थे जिन्होंने जम्मू और कश्मीर में पायी जाने वाली विभिन्न कवक प्रजातियों के मानव जीवन में विविध उपयोगों पर अपना सारगर्भित व्याख्यान दिया. द्वितीय वक्ता मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर से रिटायर्ड प्रो. एस. एस. कटेवा थे जिन्होंने राजस्थान के देशज समुदायों द्वारा सामाजिक-आर्थिक जीवन में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न पौधों जैसे सफ़ेद मूसली, खडूला, गरतुम्बा, हड़जोड़,  डांसरिया इत्यादि के बारे में विस्तृत जानकारी दी. वेबिनार के अंतिम वक्ता ऐ,के.एस. विश्वविद्यालय, सतना (मध्य प्रदेश) के पर्यावरण विभाग और सेंटर फॉर ट्रेडिशनल नॉलेज रिसर्च एंड ऍप्लिकेशन्स के निदेशक प्रो. आर. एल. एस. सिकरवार थे जिन्होंने भारत में कोविड-19 के उपचार में लोकवनस्पति विज्ञान के योगदान पर चर्चा करते हुए विभिन्न औषधीय पौधों की उपयोगिता पर प्रकाश डाला.वेबिनार में क्षेत्रीय निदेशक कॉलेज एजुकेशन, उदयपुर संभाग से डॉ. फरहत बानु भी जुडी और अपने विचार व्यक्त किये. कार्यक्रम को सुचारू रूप से चलाने में विभाग के सह-आचार्य डॉ. अनामिका सिंघवी, डॉ. गीता स्वामी, डॉ, नसरीन बानु, डॉ. किरण टाक का महत्वपूर्ण योगदान रहा. अंत में सभी प्रतिभागियों और सम्मानित वक्ताओं को डॉ. विवेक शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया. 

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