राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय, उदयपुर
प्रेस न्यूज़

राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय ,उदयपुर में 18 दिसम्बर 2023 को नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन राजस्थान राज्य उच्च शिक्षा परिषद्, जयपुर एवं राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय,उदयपुर; आशापूर्णा ग्रुप ऑफ़ कॉलेज (जालौर); आस्था कॉलेज इटावा (कोटा) के संयुक्त तत्वावधान में प्राचार्य प्रो. अंजना गौतम की गौरवमयी उपस्थिति में हाइब्रिड मोड पर किया गया |


महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो.अंजना गौतम ने सभी गणमान्य व्यक्तियों तथा प्रतिभागियों को नवीन शिक्षा नीति 2020 विषय पर नए ज्ञान को आत्मसात कर उत्तरोतर प्रगति के पथ पर अग्रसर होने के लिए प्रेरित किया |
प्रो.संध्या पठानिया,आयोजक सचिव ने राष्ट्रीय कार्यशाला में भाग लेने वाले गणमान्य अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया | कार्यशाला के संयोजक प्रो.जय भारत सिंह, संयुक्त निदेशक ने अपने उद्बोधन में कहा कि नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थी पर केंद्रित होना चाहिए | यह नीति अभिभावक तथा शिक्षकों को दृष्टिगत रखते हुए निर्मित की गयी हैं | इसमे अभी परीक्षा मूल्यांकन प्रणाली आना शेष है |
कार्यालय के मुख्य अतिथि प्रो.शिव सिंह सारंगदेवोत ,उप कुलपति ,राजस्थान विद्यापीठ ने जीवन में शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर चर्चा की | आपने शिक्षा नीति को गुणात्मक, शोध उन्मुखी, सामर्थ्य योग्य तथा उत्तरदायी बनाने पर ज़ोर दिया |
कार्यशाला में विशेष अतिथि प्रो. टी. सी. बैरवा, संयुक्त निदेशक कॉलेज शिक्षा आयोग राजस्थान, जयपुर ने नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को वैश्विक स्तर तक पहुँचाने की महत्ती आवश्यकता बताई |
प्रो. डी. एस. चुण्डावत, राजस्थान उच्च शिक्षा परिषद्, जयपुर ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में नवीन शिक्षा नीति को कौशल विकास, क्रांतिक सोच, आत्मनिर्भर तथा समावेशी विकास केन्द्रित होने पर बल दिया |
कार्यशाला के गेस्ट ऑफ़ ऑनर, प्रो. मनोज दीक्षित वाईस चांसलर, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर ने अपने उद्बोधन में भारत में शत प्रतिशत साक्षरता, टीचिंग पेडागोजी में परिवर्तन, सकल नामांकन अनुपात को दोगुना करने, सूचना तथा संचार प्रोद्योगिकी के शिक्षा में अधिकाधिक उपयोग पर अपने विचार प्रस्तुत किये |


कार्यशाला में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के ऊपर चार वक्ताओं ने अपने व्याख्यान से सभी को लाभान्वित किया| प्रथम वक्ता प्रोफेसर राजकुमार राठी, राजकीय महाविद्यालय, टोडारायसिंह ने संबोधित करते हुए नवीन शिक्षा नीति में समाहित विषय चयन में लचीलेपन, उच्च नामांकन अनुपात, मल्टीडिस्प्लिनरी शिक्षा को महत्व दिया | इसके साथ ही आपने नवीन शिक्षा नीति में किये गए नवाचारों जैसे -स्नातक कोर्स 4 वर्षीय करना, एम्. फिल को समाप्त करना अकादमिक क्रेडिट बैंक की स्थापना, राष्ट्रीय शोध फाउंडेशन की स्थापना, शिक्षा में लाइट बट टाइट नियमन का समावेशन तथा भारतीय उच्च शिक्षा आयोग जैसे अम्ब्रेला निकाय की स्थापना आदि पर अपने विचार प्रस्तुत किये | इसके अतिरिक्त आपने उच्च शिक्षण संस्थानो की आर्थिक स्वायतता,शिक्षक सशक्तिकरण पर जोर दिया |
डूंगर कॉलेज, बीकानेर के प्रो. नरेन्द्र भोजक ने अपने उद्बोधन का प्रारंभ कैपेसिटी बिल्डिंग के मापदंडों के साथ किया | उन्होने नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कॉलेजों की प्रयोगशालाओं में लर्निंग तथा सुरक्षा पर ध्यान आकृष्ट कराया | वर्तमान शिक्षा नीति की कमियों को ध्यान में रखते हुए नवीन शिक्षा नीति में उनके उन्मूलन पर जोर दिया | आपने नवीन शिक्षा नीति में स्नातक तथा स्नातकोत्तर प्रणाली को प्रतिभागियों के समक्ष प्रस्तुत किया | आपने शिक्षा में व्यावसायिक और व्यावहारिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया |
इसके साथ ही प्रो. नरेन्द्र भोजक ने नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा के प्रादेशिक लाभ को भी रेखांकित किया | आपने सकल नामांकन दर में 50% से अधिक वृद्धि पर अपने विचारों से अवगत कराया |


आपने इंडियन नॉलेज सिस्टम में भाषा मूल्य तथा संस्कृति की महत्ता को इसका अभिन्न अंग बताया | आपने बताया कि नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य बड़ी तथा बहुविषयक विश्वविद्यालयों की ओर बढना है | आपने नवाचार तथा स्टार्ट अप सोच विद्यार्थियों में विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया |
कार्यशाला के तृतीय व्याख्यान के उद्बोधन की शुरुआत करते हुए प्रो. सुरेश कुमार जीरवाल ने नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए टाइटल स्ट्रेटेजिक एक्शन प्लान से अवगत कराया | आपने विद्यार्थियों में एथिकल मूरिंग तथा मूल्यों को बढ़ाने की ओर सबका ध्यान आकृष्ट किया जिससे वे अपने मार्ग से पथभ्रष्ट होकर जीवन में गलत तरीके ना अपनाएं | इस प्रकार आपने विद्यार्थियों को अच्छे तथा सतत परिष्कृत मानव बनने की प्रेरणा प्रदान की | आपने पुरानी तथा नवीन शिक्षा नीति में अंतर को भी भली भाँति स्पष्ट किया | आपने बताया की नवीन राष्ट्रीय शिक्षा 2020 उद्देश्य गुणवत्तापरख शिक्षा है जिसका अभाव 1968 तथा 1986 की शिक्षा नीतियों में दृष्टिगोचर होता है|


राष्ट्रीय कार्यशाला के अंतिम सत्र को राजकीय महाविद्यालय सवाई माधोपुर के डॉ. प्रेम सोनवाल ने संबोधित किया | आपने पुरातन भारतीय ज्ञान परंपरा की चर्चा करते हुए बताया की हमारी पुरातन ज्ञान ने भारत को विश्वगुरु के पद पर स्थापित किया था| नवीन शिक्षा नीति का उद्देश्य भारत को पुनः विश्व गुरु के पद पर आसीन कर सम्पूर्ण विश्व में अपने ज्ञान विज्ञान का परचम फहराना है | आपने भारतीय ज्ञान परंपरा की तुलना अविरल गंगधार से की | नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षक आधारित होनी चाहिए जिससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सके | आपने विद्यार्थियों में विवेचनात्मक सोच तथा भावात्मक कौशल विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया | सभी को स्कूली शिक्षा, सकल नामांकन में वृद्धि, पढने की क्षमता, अर्थ भावों को समझने की शक्ति तथा तार्किक क्षमताओं के विकास का प्रो.सोनवाल ने नवीन शिक्षा नीति में सम्मिलित करने का पुरजोर समर्थन किया | आपने नवीन शिक्षा नीति में संस्थानों के निर्माण ,सहायता प्रोप्त महाविद्यालयों की समाप्ति तथा शिक्षकों के प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था पर अपने विचार प्रस्तुत किये | राष्ट्रीय कार्यशाला में लगभग 200 छात्र – छात्राओं एवं संकाय सदस्यों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया तथा सम्मिलित हुए| कार्यशाला में आयोजन हेतु प्रो. बी. एल. मीणा, प्रो. सुनील दत्त शुक्ला, डॉ. शिवानी स्वर्णकार, डॉ.सुनीता आर्य, डॉ.किरण मीणा आदि उपस्थित रहे | आयोजक सचिव डॉ.पूर्णिमा सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया | प्रेस न्यूज़ एवं रिपोर्ट लेखन का कार्य डॉ.साक्षी चौहान एवं नरेन्द्र सिंह शेखावत ने किया | तकनीकी सहयोग मंजू शेखावत व सुरभि तिवारी ने दिया | कार्यशाला का सफल संचालन डॉ. श्रुति टंडन एवं डॉ. मृणालिनी पारीक ने किया |

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