राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय, उदयपुर
दिनांक: 11.8.2023
प्रेस नोट
मीरा कन्या महाविद्यालय में पादप वर्गिकी एवं नामकरण विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन
राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय,उदयपुर के वनस्पति शास्त्र विभाग, आइक्यूएसी एवं इंडियन बोटैनिकल सोसाइटी, उदयपुर चैप्टर (आईबीएस-यूसी) के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार 10 अगस्त 2023 को पादप वर्गिकी एवं नामकरण विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार की शुरुआत मां सरस्वती के माल्यार्पण एवं अतिथियों के स्वागत की रस्म से हुई । विभागाध्यक्ष प्रो. सविता चाहर के स्वागतीय उद्बोधन के पश्चात आइक्यूएसी समन्वयक प्रो. अंजना गौतम ने अपने उद्बोधन में कहा कि कॉविड-19 महामारी के दौर में हम सभी ने पौधों की महत्ता को अच्छी तरह से समझ लिया है, अतः इस तरह के सेमिनार लगातार आयोजित किए जाने चाहिए ।
अध्यक्षीय उद्बोधन में महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ मीना बया ने पौधों से संबंधित अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि पौधों की सटीक पहचान से संबंधित सेमिनार का आयोजन महाविद्यालय के लिए गौरव की बात है । यह सेमिनार छात्राओं के शैक्षणिक उन्नयन में प्रभावी होगा । तत्पश्चात आईबीएस उदयपुर चैप्टर अध्यक्ष डॉ विनीत सोनी ने पौधों की सही पहचान करने में इस सेमिनार की उपयोगिता बताई।
स्नातकोत्तर परिषद प्रभारी प्रो. गीता स्वामी ने सेमिनार के मुख्य वक्ता, चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी, मेरठ के इट्स संस्थान के निदेशक प्रो. सुरेंद्र सिंह का परिचय दिया। प्रो. सुरेंद्र सिंह ने पौधों के नमूनों को सुखाकर हरबेरियम शीट पर संग्रहित करने की तकनीक के बारे में जानकारी दी । सरल भाषा में उन्होंने पादप नामकरण से संबंधित नियमों की भी जानकारी दी। प्रो. सिंह ने महाविद्यालय कैंपस में उग रही वनस्पति को पहचानने की आसान कुंजी भी बताई । इसके साथ ही छात्राओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों का समाधान भी किया। सेमिनार के दूसरे वक्ता मीरा कन्या महाविद्यालय, उदयपुर की प्रो. फरहत बानू ने राजस्थान में पाए जाने वाले वनों के प्रकार तथा मिलने वाली वनस्पति को पीपीटी प्रेजेंटेशन द्वारा प्रदर्शित किया। धन्यवाद ज्ञापन सह संयोजिका प्रो. अनामिका सिंघवी द्वारा दिया गया।
आयोजन सचिव डॉ वर्तिका जैन ने बताया कि सेमिनार में 100 से अधिक प्रतिभागियों की उपस्थिति रही। सेमिनार में आयोजन समिति सदस्य प्रो. किरण टाक, डॉ. जितेंद्र सिंह, डॉ. अमीश देव सिंह, भाविका कुंवर, सीमा नागा, अंजू कुमारी, काजल अनुरागी, भगवतीलाल आमेटा, यशपाल चारण का सक्रिय सहयोग रहा। संचालन महिमा पटेल एवं सिद्धि चौबीसा ने किया।