राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय, उदयपुर में अंतर्विषयक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य आयोजन

राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय, उदयपुर में 10 जनवरी 2025 को 30वें राजस्थान समाजशास्त्रीय परिषद् (RSA) का अंतर्विषयक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ भव्यता के साथ हुआ। इस सम्मेलन का विषय “तकनीक, नैतिकता और पर्यावरण: सतत समाज के भविष्य की दिशा” है। यह सम्मेलन हाइब्रिड मोड (ऑफलाइन और ऑनलाइन) में आयोजित किया गया, जिसमें देश-विदेश के विद्वानों ने भाग लिया।

सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में स्वागत उद्बोधन प्रोफेसर श्याम सुंदर कुमावत के द्वारा किया गया | थीम का परिचय सेमीनार की आयोजन सचिव डॉ. अंजू बेनीवाल ने कराया । उद्घाटन सत्र में माननीय प्रोफेसर अल्पना कटेजा, कुलपति, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर, मुख्य अतिथि रहीं उन्होंने बताया कि हमें दैनिक जीवन पर्यावरण मित्रता पूर्ण व्यवहार करना चाहिए और पृथ्वी के संसाधनों का AMG (Avoid, Minimize, Generate)  मितव्ययता पूर्ण उपयोग करें

साथ ही माननीय विधायक ताराचंद जैन विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित सत्र में ओ.पी.शर्मा पुरस्कार पी.सी. जैन को प्रदान किया गया एवं लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रो. सविता जोशी, प्रो. दीपा माथुर एवं प्रो. अनिल पालीवाल को प्रदान किया गया |

उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में लखनऊ विश्वविद्यालय से प्रोफेसर दीप्ति रंजन साहू, अध्यक्ष, समाजशास्त्र विभाग, एवं केन्या से प्रोफेसर बेंसन अगाया ने सेमीनार के विषय वस्तु पर प्रकाश डालते हुए बताया कि नैतिक मूल्यों एवं तकनीक के मध्य संतुलन बनाकर ही सतत विकास की संकल्पना को साकार किया जा सकता है तथा वर्तमान पीढ़ी संसाधनों का उपभोग यदि मितव्ययता करें तो प्रकृति को सरंक्षित भावी पीढ़ी के लिए सुरक्षित एवं सरंक्षित समाज का निर्माण कर सतत विकास को सुनिश्चित किया जा सकता है I प्रो.आशुतोष व्यास (आर .एस .ए .अध्यक्ष ) ने RSA के Edited Volumes के प्रकाशित किये जाने की जानकारी दी | सम्मेलन में कुल 89 शोध-पत्र चार सत्रों में प्रस्तुत किए गए। शोध-पत्र प्रस्तुतकर्ताओं ने भारत में दिल्ली एवं विभिन्न राज्यों जैसे  उत्तर -प्रदेश,मध्य-प्रदेश, आसाम,  हरियाणा, हिमाचल से भाग लिया व Online Mode पर देश विदेश से अनेक विद्वान जुड़े I

अध्यक्षीय उद्बोधन प्राचार्य प्रोफेसर दीपक माहेश्वरी द्वारा दिया गया | धन्यवाद ज्ञापन प्रो. राजकुमार बोलिया ने किया | उद्घाटन सत्र का संचालन डॉ. सविता वर्डिया, और डॉ. श्रुति टंडन ने संयुक्त रूप से किया।

यह सम्मेलन तकनीकी प्रगति, नैतिकता और पर्यावरण के आपसी संबंधों पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य सतत विकास की दिशा में प्रभावी समाधान प्रस्तुत करना और समाज के सामने मौजूद जटिल समस्याओं पर चर्चा करना है। इस आयोजन ने शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया है।

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