राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय, उदयपुर में आज दिनांक 23.02.2022 को आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा, राजस्थान, जयपुर के आदेश की अनुपालना में शहीद दिवस के अवसर पर सेमीनार का आयोजन रखा गया है। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत छात्रसंघ के तत्वावधान में इस कार्यक्रम में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू की पुण्यतिथि पर उनके विचारों और बलिदान को याद किया गया।
इस कार्यक्रम के प्रारम्भ में डॉ. नीलम सिंघल, वरिष्ठ संकाय सदस्य एवं छात्रसंघ अधिष्ठाता ने इस दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश प्रेम की भावना से ही राष्ट्रनिर्माण सम्भव हो सकता है। उन्होंने भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरू की शहादत के बारे में बताते हुए कहा कि इस भावना से राष्ट्र स्वतंत्र हुआ और उनका बलिदान अनुकरणीय बना।
शहीद दिवस की ऐतिहासिक प्रांसगिकता पर विचार रखते हुए डॉ. चन्द्रशेखर शर्मा, सहआचार्य, इतिहास ने कहा कि युवाओं को प्रेरित करने की आवश्यकता है और शहीद दिवस का आयोजन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मानव अधिकारों, स्वतंत्रता की चेतना जगाने में भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरू की शहादत अनुकरणीय है। आज के युवाओं को इस भावना के प्रति जागरूक करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी हम सभी की है।
कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. शशि सांचीहर ने कहा कि इस बलिदान की पृष्ठभूमि से सभी को जागरूक होना आवश्यक है। राष्ट्रभक्ति वो भाव है जो व्यक्ति में राष्ट्रीय चेतना का संचार करता है और शहीद दिवस के आयोजन से युवा पीढी में नयी चेतना का संचार होता है। राष्ट्र के विकास में युवाओं की भूमिका बडी महत्वपूर्ण है और शहीदों के बलिदान की जानकारी युवाओं को देश के विकास के लिए प्रेरित करती है।
सेमीनार के अंतिम चरण में अंतिम वक्ता के रूप में डॉ. अंजना गौतम समन्वयक, आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम ने सभी को इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरू का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। उन्होंने उपस्थित संकाय सदस्यों, छात्राओं और वक्ताओं का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. स्नेहा बाबेल ने किया।
इस अवसर पर डॉ. मंजू बारूपाल, डॉ. मनीषा श्रीमाली, डॉ. इन्दू अरोडा, डॉ. पूर्णिमा सिंह, डॉ. श्रुति टण्डन ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

error: Content is protected !!