आज दिनांक 3 मार्च 2022 को महाविद्यालय के बैंकिंग एवं व्यवसायिक अर्थशास्त्र विभाग द्वारा पेमेंट बैंकों की कार्यप्रणाली एवं उनकी अभिनव प्रयोगों से आए बैंकिंग तंत्र में बदलाव पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक के सहायक प्रबंधक लोकेश साहू ने भुगतान बैंकों की अवधारणा से प्रतिभागियों को परिचित करवाया। साहू ने पेमेंट बैंक्स की कार्यप्रणाली को समझाते हुए जमा, मुद्रा स्थानांतरण, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर, थर्ड पार्टी प्रोडक्ट्स, बिल एंड यूटिलिटी पेमेंट्स, मर्चेंट पेमेंट, डोरस्टेप बैंकिंग जैसी विभिन्न सेवाओं, वैधानिक प्रावधानों एवं लाइसेंसिंग प्रक्रिया से प्रतिभागियों को परिचित करवाया। उनके द्वारा पेमेंट बैंकों एवं सामान्य वाणिज्यिक बैंकों के अंतर को बताते हुए इन दोनों ही बैंकिंग प्रणालियों के महत्व और विशेषताओं को समझाया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय प्राचार्य डॉ शशि सांचीहर ने अर्थव्यवस्था में बैंकिंग तंत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए बैंकिंग क्षेत्र में वर्तमान समय में विद्यमान समस्याओं के समाधान के लिए सभी स्तरों पर प्रयास किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
बैंकिंग एवं व्यवसायिक अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ नीलम सिंघल ने अपने उद्बोधन में बैंकिंग क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलावों के प्रति न केवल व्यवसायिक जगत अपितु सामान्य व्यक्तियों को भी जागरूक करने की आवश्यकता पर बल प्रदान करते हुए बैंकिंग क्षेत्र में दिन प्रतिदिन हो रहे इन्नोवेशंस की जानकारी प्रदान की।
यूजीसी सी ओ सी समन्वयक डॉ सुरेंद्र यादव ने बैंकिंग क्षेत्र में तेजी से प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग से उत्पन्न हुई साइबर सुरक्षा की चुनौती को रेखांकित करते हुए प्रतिभागियों को उन पद्धतियों से परिचित करवाया जिनको अपनाकर बैंकिंग उपभोक्ता अपनी पैसे की सुरक्षा कर सकते हैं।
