राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय में दिवेर विजय महोत्सव के अंतर्गत व्याख्यान माला आयोजित

राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय , उदयपुर में दिवेर विजय महोत्सव के अंतर्गत व्याख्यान माला आयोजित की गई।

मुख्य वक्ता प्रताप गौरव केंद्र के निदेशक श्री अनुराग सक्सेना ने महाराणा प्रताप के दिवेर विजय अभियान पर ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर विस्तृत व्याख्यान दिया। महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व और कृतित्व को कमतर करने के राष्ट्र विरोधी विमर्श का प्रत्युत्तर देते हुए उन्होंने प्रताप के साहसिक और निर्णायक हल्दीघाटी तथा दिवेर युद्ध विजय का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि प्रताप कभी हारे नहीं बल्कि अपने अभियानों में सतत विजयी रहे। हल्दीघाटी में आक्रमण कारी मुगलों पर जीत प्राप्त की और दिवेर में आक्रांता मुगल सैनिकों के 36 थानों पर रणनीतिक कूटनीतिक जीत हासिल कर मुगलों को अजमेर तक खदेड़ दिया। उन्होंने मुगल सेना का नेतृत्व करने वाले अकबर के रिश्तेदार सुलतान खान को घोड़े समेत अमर सिंह द्वारा बींधने का उल्लेख करते हुए दिवेर के साहसिक और निर्णायक अभियान को महाराणा प्रताप के स्वाभाविक युद्धकौशल की परिणति बताया। श्री सक्सेना ने महाराणा प्रताप को अकबर की अपेक्षा कमजोर, निरंतर संघर्ष शील , पराजित, घास की रोटी खा कर वन क्षेत्र में भटकने के कृत्रिम विमर्श को अपने ऐतिहासिक तथ्यों से गलत बताया और प्रताप को एक दूरदर्शी प्रशासक बताते हुए उनके कई उपलब्धियों की चर्चा की। प्रताप के मूल नाम राणा कीका का उल्लेख करते हुए उन्होंने मेवाड़ के जनजातीय समुदाय से उनके स्वाभाविक सहयोग और सहज सरल संबंधों को उनकी सैन्य उपलब्धियों का एक बड़ा कारण बताया। 

उन्होंने प्रताप के व्यक्तित्व को मेवाड़, राजस्थान तक सीमित न मानते हुए उन्हें संपूर्ण भारत के स्वाधीनता संग्राम में अग्रणी प्रेरक व्यक्तित्व बताया ।

कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. दीपक माहेश्वरी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए इस व्याख्यान माला की महत्ता को इंगित किया। 

इस अवसर राजकीय महाविद्यालय, अजमेर के प्राचार्य प्रो मनोज बहरवाल, सुखाड़िया विश्विद्यालय के डॉ बलूदान बारहठ सहित महाविद्यालय के संकाय सदस्य एवं बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीं। 

कार्यक्रम के अन्त में धन्यवाद राष्ट्रीय सेवा योजना प्रभारी डॉ सुनीता आर्य ज्ञापित किया ।

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