राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय, मनोविज्ञान विभाग द्वारा ”मनोविज्ञान द्वारा जीवन सुगम बनाये” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में 200 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
कार्यशाला का उदघाटन सत्र में कार्यशाला के संयोजक डॉ. अजय कुमार चौधरी, प्रभारी मनोविज्ञान विभाग, राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय द्वारा कार्यशाला के महत्त्व को प्रतिपादित करते हुए कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉ. महावीर जैन (वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक) के जीवन परिचय एवं उपलब्धियों को बताया। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. मीना बया ने जीवन जीने के लिए मनोविज्ञान की समझ को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने अध्ययन में संलग्न रहकर सफलता एवं खुशहाली प्राप्त करने के कई तरीकों की चर्चा की।
प्रशिक्षण सत्र  में कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉ. महावीर जैन (वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक) ने बताया कि मनोविज्ञान में कुछ सही या गलत नहीं होता। सही एवं गलत व्यक्ति के प्रत्यक्षीकरण पर निर्भर करता है। जीवन को सुगम बनाने के लिए उन्होंने स्वयं को जानने पर अधिक महत्त्व दिया। उन्होंने बताया कि स्वयं को जानने से व्यक्ति को अपनी योग्यता एवं कमजोरियों का आभास हो जाता हैं। जिससे वह अपने सफलता के मार्ग को सुनिश्चित कर सकता हैं। उन्होंने यह बताया कि हम ।जजपजनकम को ळतंजपजनकम में बदलकर कार्य जोखिमों के साथ सामंजस्य स्थापित कर जीवन को सुगम बना सकते हैं।
कार्यशाला की एक अन्य प्रशिक्षक विभा जैन ने विद्यार्थियों को बताया कि व्यक्ति स्वयं को जल की तरह रखकर जीवन को सरल बना सकते हैं।  कार्यशाला  में डॉ. कीर्ति परमार, डॉ. रुकमणी राधास्वामी, लक्ष्मी कुमावत, हेमंत सालवी एवं आलोक चौधरी ने सक्रिय भागीदारी निभाई। कार्यशाला में विद्यार्थियों के लगभग 15 प्रश्नों का समाधान प्रशिक्षकों द्वारा किया गया। धन्यवाद की रस्म विशाखा शर्मा द्वारा अदा की गई   

error: Content is protected !!