राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय उदयपुर के संगीत विभाग में “राग संगीत: बंदिशों का प्रशिक्षण” विषय पर आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन समापन पर आज दिनांक 8 अगस्त2025 को प्रोफेसर चेतना पाठक ने अपनी गुरु स्वरयोगिनी पद्म विभूषण डॉ. प्रभा अत्रे जी द्वारा उपशास्त्रीय गायन शैलीयो यथा होरी , चैती ,मांड आदि में विभिन्न रागों में रचित बंदिशो जो कि भक्ति, श्रृंगार और भाव पक्ष की प्रधानता लिए हुए है ऐसी बंदिशो में से राग मिश्र गारा में कहरवा ताल में निबद्ध होरी ” रंग डार गयो मोपे सांवरिया” राग माझं खमाज में चैती ” चेतर मासे सब मिल गाए झूला झूलत हो रामा” राग यमन में रुपक ताल में निबद्ध “वीणा वादिनी तेरी जय हो” राग मारुबिहाग में “जागु मैं सारी रैना बलमा” आदि बंदिशो की विशेषताओं को स्पष्ट करते हुए साथ ही सौंदर्य तत्वों जैसे मुर्की, गमक और मींड आदि का प्रयोग किस तरह किया जाए, प्रशिक्षण दिया। आयोजन सचिव लाजवंती बनावत ने बताया कि 30 विद्यार्थियों ने बडे ही उत्साह के साथ कार्यशाला मे भाग लिया। प्राचार्य, प्रो. दीपक महेश्वरी ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए पांच दिनो तक कार्यशाला मे जो भी सीखा उसका अभ्यास करने को प्रेरित करते हुए संगीत को जीवन में उतारने हेतु प्रोत्साहित किया । धन्यवाद ज्ञापन कौशल सोनी ने किया । कार्यक्रम में प्रो.नूतन कवितकर, प्रो. कहानी भानावत, डॉ.अनुपम, डॉ. मृणालिनी पारीक उपस्थित रहे।–
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Government Meera Girls College,
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