30वें राजस्थान समाजशास्त्रीय संघ (RSA) के अंतर्विषयक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न

राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय, उदयपुर में 10-11 जनवरी 2025 को आयोजित 30वें राजस्थान समाजशास्त्रीय संघ (RSA) के अंतर्विषयक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन 11 जनवरी 2025 को सफलता पूर्वक हुआ। इस सम्मेलन का विषय था “तकनीक, नैतिकता और पर्यावरण: सतत समाज के भविष्य की दिशा है।

सम्मेलन के अंतिम दिन 11 जनवरी 2025 को सुबह 10:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक तीन तकनीकी सत्रों में 150 से अधिक शोध पत्रों का वाचन किया गया। इन सत्रों में विभिन्न देशों एवं राज्यों के जैसे  राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, और तमिलनाडु, उड़ीसा एवं USA,Russia  के प्रतिभागियों ने अपने शोध-पत्र प्रस्तुत किए।

साथ ही सिम्पोजियम का भी आयोजन किया गया इसमें प्रमुख वक्ताओं में प्रो. एस.एल. शर्मा, विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र, राजस्थान यूनिवर्सिटी, जयपुर ने पर्यावरण के दुष्प्रभाव से कैसे बचें भविष्य कैसे सुरक्षित हो? इस संबंध में हरित  क्रान्ति पर चर्चा की । प्रो. महेश शुक्ला अध्यक्ष, अध्यक्ष मध्यांचल समाजशास्त्र सोसायटी ने  मानव एवं प्रकृति के अन्तर्संबंधों की चर्चा करते हुए संस्कृत के मंत्रोच्चारण के साथ  आन्तरिक पर्यावरण शुद्धीकरण  पर बल दिया । प्रो. एस.एस. कटेवा, (सेवानिवृत्त) वनस्पति विज्ञान विभाग, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर ने “जियो और जीने दो” की भावना रखने एवं पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए प्रेरित किया । प्रो. राकेश राणा, समाजशास्त्र विभाग, एम. एम. एच. कॉलेज, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश ने 21वीं सदी की संस्कृति का परिचय देते हुए  बायोटेक्नोलॉजी, इनफार्मेशन  टेक्नोलॉजी एवं AI के द्वारा होने वाले खतरों से सावधान किया । श्री  प्रणय जानी, सीईओ, रेलबेल प्रोटेक्शन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने सांस्कृतिक वैश्वीकरण के दौर में अपनी संस्कृति को अपने बड़ों से सीखने और उसे फैलाने पर बल दिया । धन्यवाद ज्ञापन प्रो. ज्योति गौतम ने एवं कार्यक्रम का संचालन प्रो. श्रुति टण्डन ने किया ।

सम्मेलन के  समापन समारोह में प्राचार्य प्रो. दीपक माहेश्वरी ने अतिथियों का स्वागत भाषण प्रस्तुत किया और तकनीक के प्रयोग में पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखना नितान्त आवश्यक  बताया एवं मूल्यों के अनुशीलन जोर दिया ।सेमीनार की आयोजन सचिव डॉ. अंजु बेनीवाल  ने सम्मेलन की दो दिवसीय रिपोर्ट प्रस्तुत की एवं सभी का आभार प्रकट किया I

माननीय श्री मन्नालाल रावत, सांसद उदयपुर ने अपने संबोधन में कहा ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ यह सूक्ति हम सभी के जीवन में समाएI उन्होंने विकास के साथ साथ अध्यात्म एवं विज्ञान के समन्वय पर बल दिया I

प्रो. सुनीता मिश्रा,  कुलपति, मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय, उदयपुर  ने शिक्षा को विद्यार्थी केन्द्रित बताते हुए कहा कि वर्तमान में चल रहे AI का हम सदुपयोग करेंI

प्रमुख वक्ताओं मिखाइल सिनियुटीन, प्रो. आर्थिक समाजशास्त्र, सेंट पिट्सबर्ग विश्विद्यालय, रशिया ने अपने  वक्तव्य में कहा कि आशा और उत्साह के साथ तकनीकी युग में पर्यावरण पर विजय पाने का प्रयास करेंI

प्रो. मनीष कुमार वर्मा, विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र, बाबासाहेब भीम राव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ ने कहा कि हम अपनी आवश्यकताओं को कम करें, सबका विकास सबके हित का ध्यान रखें यह कहते हुए आत्मसंयम पर बल दियाI

प्रो. राजेश कु. जांगिड आर्थिक अध्ययन एवं योजना केंद्र, जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय, नई दिल्ली  ने बताया की सभी मेहनत करें और उसका पूरा प्रतिफल भी उनको मिले I

इस अवसर पर  पर्यावरण एवं सतत विकास विषय पर प्रो. दीपक माहेश्वरी एवं प्रो. अंजु बेनीवाल  की पुस्तक एवं  प्रो. चारुलता तिवारी व नरेन्द्र परेवा की पुस्तकों का विमोचन किया गया I उत्कृष्ट  पोस्टर सुश्री महिमा सांखला, स्नातकोत्तर रसायन शास्त्र एवं उत्कृष्ट शोध पत्र के लिए  श्री गगन ओझा, शोधार्थी राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर को पुरस्कृत किया गयाI

RSA अध्यक्ष प्रो. आशुतोष व्यास ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए बधाई और शुभकामनाएं दी एवं बलविंदर जी, गगन ओझा ने इस सम्मेलन पर अपने विचार प्रस्तुत किये I  धन्यवाद ज्ञापन प्रो. सुदेशना पारिजा ने कियाI  कार्यक्रम का संचालन प्रो. मोनिका दवे एवं प्रो. रेणुका वर्मा ने किया I 

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